۴ آذر ۱۴۰۳ |۲۲ جمادی‌الاول ۱۴۴۶ | Nov 24, 2024
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हौज़ा / ईरान के दूतावास पर इस्राईल के हमले के संदर्भ में इमाम ख़ामेनेई का संदेश, उनको पछताने पर मजबूर कर देंगे।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,दमिश्क़ में ईरान के दूतावास पर अवैध ज़ायोनी शासन के हमले में मेजर जनरल मुहम्मद रज़ा ज़ाहेदी और उनके कुछ साथियों की शहादत के अवसर पर इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता आयतुल्लाहिल उज़्मा सैयद अली ख़ामेनेई ने मंगलवार को अपने संदेश में कहा है कि ईरान के बहादुर लोग, इस अपराध और इस जैसे अपराधों के कारण घृणित ज़ायोनी शासन को पछतावे पर विवश करेंगे। 

इमाम ख़ामेनेई के संदेश का टेक्स्ट इस प्रकार हैः

बिस्मिल्ला हिर्रहमा निर्रहीम/ इस्लाम के बलिदानी मेजर जनरल मुहम्मद रज़ा ज़ाहेदी और उनके साथी जनरल मुहम्मद हादी हाज रहीमी, अवैध ज़ायोनी शासन के अपराध का शिकार होकर शहीद हो गए।  उनपर और इस घटना में शहीद होने वाले अन्य शहीदों पर सलाम हो और ईश्वर तथा उसके महान महापुरूषों की उनपर दया हो।  इसी के साथ अत्याचारी ज़ायोनी शासन के नेताओं पर ईश्वर की लानत हो।

सर्वोच्च नेता लिखते हैं कि हमारे शहीदों को अपने कृपालु ईश्वर से दीर्धकालीन संघर्ष की स्वीकृति मिली और इस समय वे महापुरूषों के बीच ईश्वरीय विभूतियों से लाभ उठा रहे हैं।

शहीद मेजर जनरल मुहम्मद रज़ा ज़ाहेदी उन्नीस सौ अस्सी के दशक से रणक्षेत्र में शहादत की प्रतीक्षा में थे।  उन्होंने लिखा कि इन शहीदों के हाथों से कुछ नहीं गया बल्कि उनको अपना इनाम मिल गया।  हालांकि ईरानी राष्ट्र, विशेषकर जो लोग उनको जानते थे, उनके लिए इनकी जुदाई कष्टदायक है। 

वरिष्ठ नेता लिखते हैं कि अवैध ज़ायोनी शासन को हमारे दिलेर युवाओं के हाथों बदला ज़रूर मिलेगा।  हम ईश्वर की मदद से उनको, उनके इस अपराध पर पछताने पर मजबूर कर देंगे।

वस्सलामो अला एबादिल्लाहिस्सालेहीन।

सैयद अली ख़ामेनेई।

सोमवार की शाम सीरिया की राजधानी दमिश्क़ में इस्लामी गणतंत्र ईरान के काउंस्लेट के भाग पर ज़ायोनी युद्धक विमानों के हमले में ईरान पर थोपे गए युद्ध के दौर के अग्रणी मेजर जनरल मुहम्मद रज़ा ज़ाहेदी और उनके साथी जनरल मुहम्मद हादी हाज रहीमी, के साथ ही ईरान के पांच सैन्य सलाहकार भी उनके साथ शहीद हो गए।

याद रहे कि सीरिया की सरकार के आधिकारिक निमंत्रण पर आतंकवाद के विरुद्ध संघर्ष में सहायता करने के लिए ईरान के सैन्य सलाहकार सीरिया में मौजूद हैं।

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